Friday, December 31, 2010

अपने को जन्म


मनुष्य का मुख्य कार्य स्वयं को जन्म देना है।
~ एरिक फ्रोम

Thursday, December 30, 2010

निरंतर चलना


बिमल डे की पुस्तक महातीर्थ के अंतिम यात्री से -
मैं निरंतर चल रहा था, किंतु लगातार एक जैसा दृष्य दृश्य होने से लगता था कि मैं वहीं रह गया हूं। ... लगता था कि सांपो (ब्रह्मपुत्र) की विपरीत दिशा में मैं अविराम तैर रहा हूं, किंतु स्रोत को पछाड़ कर आगे नहीं बढ़ पा रहा हूं। फिर भी कैलासनाथ के दर्शन का उत्साह ज्यों का त्यों था, उस महातीर्थ के दर्शन के उत्साह ने ही मुझे इतना मनोबल दिया था। दिन में सूरज और रात में चांद तारे मुझे राह दिखाते। ... मेरी आत्मा मेरी देह को खींच कर कैलास की ओर ले जा रही थी, वैसे ही विश्व प्राण समग्र विश्व को अमृत के सन्धान में ले जा रहा था, हम सब पथिक मात्र थे।

Monday, December 27, 2010

पीछे देखना


पीछे मत देखो। अगर उस ओर नहीं जाना चाहते तो।
~ हेनेरी डेविड थोरेऊ

Saturday, December 25, 2010

आशा का विनिमय


एक नेतृत्व करने वाला आशा का विनिमय करने वाला होता है।
~ नेपोलियन बोनापार्ट

Wednesday, December 22, 2010

प्रभुता और प्रभाव



सफल नेतृत्व अब प्रभुता (authority) पर नहीं, प्रभाव (influence) पर निर्भर करता है।
केनेथ ब्लैंचार्ड

Sunday, December 19, 2010

चलना



गंगटोट से ल्हासा जाते कम उम्र के विमल दे; गीयात्से से सामदिंग की अकेले यात्रा करते हुये -
अब मैं तेज या धीरे, जैसे भी चाहूं, चल सकता था। किन्तु इस लम्बी यात्रा में मैं यह जान गया था कि धीरे धीरे चलने से रात तक चलने का दम रहता है, तेज चलने से शीघ्र ही आदमी थक जाता है।

Saturday, December 18, 2010

कर डालना


यह बढ़िया है कि आगे बढ़ो और कर डालो। बाद में क्षमा मांगना ज्यादा आसान है बनिस्पत करने के लिये इजाजत मांगने के।
~ एडमिरल ग्रेस होपर। 

Thursday, December 16, 2010

विजेता का लक्षण


आपको अपने आप पर विश्वास करना होता है, जब कोई और नहीं करता - वही आपको विजेता बनाता है।
~ वीनस विलियम्स

Sunday, December 12, 2010

नेतृत्व का अंग


नेतृत्व चुम्बकीय व्यक्तित्व नहीं है - वह तो चिकनी-चुपड़ी जुबान भी हो सकती है। वह "दोस्त बनाना और प्रभावित करना" भी नहीं है - वह चापलूसी भी हो सकती है। नेतृत्व तो एक व्यक्ति की दूरदृष्टि को बहुत ऊंचा उठाने, कार्यक्षमता में अभूतपूर्व बढ़ोतरी करने और सामान्य सीमाओं के कहीं परे व्यक्तित्व को ले जाने वाला होता है।
~ पीटर ड्रकर

नेतृत्व


नेतृत्व का एक पैमाना यह है कि कैसे लोग आपको अनुकरण करने को तैयार होते हैं।
~ डेनिस पीर

Sunday, December 5, 2010

सपने



“अपने सपने पूरे करो. किसी को अपना रास्ता रोकने मत दो”
प्यारा ब्रेंडन फॉस्टर

Sunday, November 21, 2010

आत्मविश्वास


मैं अब तक अपने बाहर तलाशती रही आत्मविश्वास और ताकत के लिये, पर यह तो अन्दर से आते हैं। यह तो हमेशा आपके साथ हैं।
~ अन्ना फ्रायड

Sunday, November 14, 2010

राय और विचार


बहुत से लोग "राय (Opinion)" को "विचार (Thought)" समझने की गलती करते हैं।
~ हरबर्ट विक्टर प्रोचनॉव



Sunday, November 7, 2010

विचार


लोग सोचते हैं कि (औद्योगिक) संस्थायें आंकड़ों, शक्तियों, क्षमता, चीजों या मानव संगम से बनती हैं। वे ये भूल जाते हैं कि संस्थायें विचारों से बनती हैं।
~ जेम्स चेम्पी, रीइंजीनियरिंग मैनेजमेण्ट में।

Saturday, November 6, 2010

गुण


यह मेरा अनुभव रहा है कि लोग जिनमें कमियां नहीं होतीं, बहुत कम गुणों से युक्त होते हैं।
~ अब्राहम लिंकन।

Sunday, October 24, 2010

नियति


जिन्दगी उन लोगों के लिये वाकई बहुत उदार होती है, जो अपनी नियति खोजते हैं।
~ अल्केमिस्ट में पाओलो कोएलो।

Sunday, October 17, 2010

उड़ना


१. फरिश्ते उड़ सकते हैं, वे अपने को बड़े हल्के अन्दाज में लेते हैं।
२. फरिश्ते उड़ सकते हैं, वे अपनी स्वतन्त्रता को बहुत गम्भीरता से लेते हैं।


Sunday, October 10, 2010

पठन



नित्य कुछ न कुछ पठन की आदत डालें। भले ही एक वाक्य हो। साल भर में आपको अंतर नजर आने लगेगा।

Monday, October 4, 2010

पुस्तक


1. एक पुस्तक की कीमत इसी में है कि उसमें से आप क्या निकाल सकते हैं।
2. किसी पुस्तक को महज इस लिये पूरा न पढ़ो कि आपने उसे पढ़ना शुरू किया है।

Sunday, October 3, 2010

धक्का


लोग जब तक जिन्दगी में धक्का नहीं खाते, तब तक चमक नहीं आयेगी उनके व्यक्तित्व में, तब तक वे ऊंचाइयां नहीं छू सकेंगे। यह धक्का काम में असफलता के रूप में हो सकता है या बीमारी के रूप में भी!

Sunday, September 12, 2010

प्रिय वचन और नाश


सचिव बैद गुर तीनि जौं प्रिय बोलहिं भय आस ।
राज धर्म तन तीनि कर होइ बेगिहीं नास ॥

भय या लाभ की आशा वश; सचिव, वैद्य और गुरु अगर प्रिय वचन बोलते हैं; तो राज, धर्म और तन का शीघ्र नाश होना अवश्यम्भावी है। - तुलसीदास।

Saturday, September 11, 2010

घड़ियां और समय


पुराने समय में लोगों के पास घड़ियां नहीं होती थीं, पर सबके पास समय था। आज सबके पास घड़ियां ही घड़ियां हैं, पर कितना दुखद है कि उनके पास समय नहीं है! :(

Wednesday, August 18, 2010

सत्य



सत्य वह मुद्रा है, जिसे आप किसी भी लोक में भंजा सकते हैं।

Tuesday, August 3, 2010

पर्वत उखाडना


वह व्यक्ति, जो पर्वत उखाड़ता है; शुरुआत छोटे पत्थरों को हटाने से करता है।
~ चीनी कहावत।

Monday, July 12, 2010

मनोहारी समय


भगवान करें, आप मनोहारी समय में जियें (May you live in interesting times)!
~ एक चीनी शाप

Sunday, July 11, 2010

शुद्धता


अन्तत:; आपके मन की शुद्धता से पवित्र कोई अन्य चीज नहीं होती।
~ राल्फ वाल्डो एमर्सन

Sunday, July 4, 2010

बहाना


सामान्यत: वे लोग जो बहाना बनाते हैं, उनमें एकाग्रता और अनुशासन की कमी होती है। उनके लिये असफलतायें अवश्यम्भावी हैं और दुर्दशा उनकी चुनी हुई अवस्था है।
~ स्टीफन कोवी।

Wednesday, June 23, 2010

बढ़िया दिन


"मैने यह लेख पढ़ा। यह कहता है कि तनाव के लक्षण हैं - ज्यादा खाना, ज्यादा धूम्रपान, अनाप-शनाप खरीददारी और तेज गाड़ी चलाना। मजाक तो नहीं कर रहे ये? यह तो मेरे विचार से एक शानदार दिन के लक्षण हैं!"
~ मोनिका पाइपर

Sunday, June 20, 2010

मूर्ख


कोई भी मूर्ख आलोचना, निन्दा या शिकायत कर सकता है - और अधिकांश मूर्ख करते हैं!
~ डेल कार्नेगी

Thursday, June 17, 2010

अपने से छोटे


हमेशा अपने से कम उम्र वालों के प्रति प्रेम दर्शायें - क्यों कि वही हैं जो आपके बारे में लिखेंगे।
~ सिरिल कोनोली।




Friday, June 11, 2010

झूठ


वह व्यक्ति, जिसकी याददाश्त सशक्त नहीं है, उसे झूठ के प्रयोग के पचड़े में नहीं पड़ना चाहिये।
~ माइकेल द मोन्तेग्न

Tuesday, June 8, 2010

मन और द्वैत


मन में बहुत कुछ चलता है। मन है तो मैं हूं|
मानसिक हलचल पर यह प्रारम्भ से टांक रखा था द्वैत। सरासर गलत।
मैं था, जब मन नहीं था। मैं रहूंगा, जब मन नहीं होगा। चिदानन्द रूप!

~ मेरे सोचने का एक पड़ाव


घमण्ड


पता करें कि किस स्तर पर आपका घमण्ड रहता है। उससे आप जिस स्तर पर जीते हैं, उसका आकलन हो सकेगा।
~ मेरा सोचने का एक पड़ाव!

Monday, June 7, 2010

अच्छाई


एक व्यक्ति, जो हमेशा अच्छा बना रहना चाहता है, अन्तत: नष्ट हो जायेगा; अगर वह ऐसे लोगों से घिरा है, जो उतने अच्छे नहीं हैं।
~ मेकियावली

Sunday, May 23, 2010

खतरा


“जो दूर जाने का खतरा उठाते हैं वही जान पाते हैं कि कोई कितनी दूर तक जा सकता है”
~ टी एस एलियट निशान्त मिश्र के ब्लॉग से।

Friday, May 21, 2010

सर्वोत्कृष्ट



जिन्दगी में अगर तुम मोची बनो तो दुनियां के सर्वोत्कृष्ट मोची बनो! 
~ श्री जी.आर. गोपीनाथ को उनके पिताजी की सीख। फॉर्ब्स इण्डिया के मई अंक में उद्धृत।

नई जमीन की खोज


“यदि तुम सागरतट के ओझिल होने का खतरा नहीं उठा सकते तो नई जमीन की खोज करने के बारे में मत सोचो”
– आंद्रे गीदनिशान्त मिश्र के ब्लॉग से।

Wednesday, May 19, 2010

बच्चे


बच्चे वह बनते हैं, जो वे देखते हैं| वह नहीं जो आप कहते हैं।
~ रॉबिन शर्मा की ट्वीट।

Sunday, May 16, 2010

मित्र


मेरे आगे न चलो, मैं पछियाऊंगा नहीं!
मेरे पीछे आने की कोशिश न करो, मैं नेतृत्व नहीं करूंगा!
मेरे साथ चलो और बनो मेरे मित्र!

~ अल्वेयर कामू, चौपटस्वामी के ब्लॉग से।

Saturday, May 15, 2010

सफलता के मैनुअल


सफलता के सभी मैन्युअल्स नष्ट कर डालो। सफल होने के लिये तुम्हें मौलिक होना होगा।
~ पॉल कोह्येलो की ट्वीट

Sunday, May 9, 2010

क्षमता का टेस्ट


खेलो, अपनी क्षमता से ज्यादा
हार जाओगे तो खेल सीख जाओगे।
~ विंस्टन चर्चिल; जैसा पंकज उपाध्याय ने टिप्पणी में संदर्भ दिया।


Friday, May 7, 2010

लोगों को सुनना


मल्टीनेशनल कम्पनियां और भारत के ग्रामीण परिदृष्य पर व्हार्टन नॉलेज के लेख में है कि असली चीज है लोगों को सुनना। पर कितने लोग हैं जो दूसरों की सुनते हैं? सब को कहते ही तो देखा है!
~ लेख पढ़ते मेरी प्रतिक्रिया

Sunday, May 2, 2010

दोहराव


पहला आदमी, जिसने नवयौवना के गालों की तुलना गुलाब से की, जरूर कवि था। पहला जिसने यह दोहराया, शायद मूर्ख था!
~ साल्वाडोर डॉली, पॉल कोहेलो के ब्लॉग से।

Saturday, May 1, 2010

दौड़


गरीब सोचते हैं, अमीर हो जायें। अमीर सोचते हैं, ज्ञानी हो जायें। भोगी सोचते हैं, त्यागी हो जायें। अविवाहित सोचते हैं, विवाहित हो जायें। विवाहित सोचते हैं, मर जायें, कैसे मर जायें, कब मर जायें। जो नहीं है, उसकी तरफ दौड़ बनी रहती है।
~ आचार्य रजनीश।

Friday, April 23, 2010

महानता का माप


महानता के प्रकार को दो तरह से मापा जा सकता है। सबसे लोकप्रिय तरीका है व्यक्ति के सफल होने की सम्भावना आंकने में - तब जब बाकी सब असफल हो रहे हों। पर उससे कमतर नहीं है, और शायद सभी महानताओं का मूल उसमें है, कि असफलता के बावजूद पुन: प्रारम्भ करना, जब सफलता दूर दूर तक नजर न आ रही हो!
~ गाइ फिन्ले; जैसा टिप्पणी में निशान्त मिश्र ने उधृत किया।

Tuesday, April 20, 2010

महानता


महानता से भय न खाओ। कुछ जन्म से महान होते हैं, कुछ महानता अर्जित करते हैं, और कुछ पर महानता थोप दी जाती है!
~ विलियम शेक्सपीयर

Monday, April 19, 2010

गढ्ढे का नियम


जब आप गढ्ढे में हों तो भगवान के लिये खोदना बन्द कर दें!
~ थॉमर्स फ्रीडमेन के ब्लॉग पर एक उक्ति

Friday, April 16, 2010

चुनौती


मेरी तीन चुनौतियां हैं। सबसे आसान चुनौती है ब्रिटिश साम्राज्य। इस पर सबसे आसानी से प्रभाव डाला जा सकता है। दूसरी चुनौती है भारतीय जनता। इस से बात मनवाना कठिन है।  लेकिन मेरी सबसे बड़ी चुनौती है मोहनदास गांधी नाम का आदमी। इस पर तो मेरा जोर ही नहीं चलता प्रतीत होता।
~ मोहनदास कर्मचन्द गांधी

Sunday, April 11, 2010

शुभ कर्म


"जब कभी तुम कोई शुभ कर्म करो तब यह मत सोचो कि ‘इतने छोटे कर्म से मुझे कुछ प्राप्त नहीं होगा’. जिस प्रकार बारिश का पानी बूँद-बूँद गिरकर पात्र को पूरा भर देता है उसी प्रकार सज्जन व्यक्तियों के छोटे-छोटे शुभकर्म भी धीरे-धीरे संचित होकर विशाल संग्रह का रूप ले लेते हैं”.
– धम्मपद १२२

~ निशान्त मिश्र के ब्लॉग से

Monday, April 5, 2010

महाविपत्ति


मैने प्रत्येक महाविपत्ति को सुअवसर बनाने का यत्न किया है।
~ जॉन डी रॉकफेलर

Friday, March 26, 2010

जीवन की त्रासदी



मेरे जीवन की त्रासदी यह नहीं है कि मैं बेइमान या कुटिल हूं। मेरी त्रासदी यह भी नहीं है कि मैं जानबूझ कर आसुरी सम्पद अपने में विकसित करना चाहता हूं। मेरी त्रासदी यह है कि मैं सही आचार-विचार-व्यवहार जानता हूं, पर फिर भी वह सब नहीं करता जो करना चाहिये।
~ ज्ञानदत्त पाण्डेय, मानसिक हलचल पर। 

Sunday, March 14, 2010

भय और उन्नति



वह स्थान जहां आपके सबसे बड़े भय रहते हैं, वहीं आपकी सबसे बड़ी उन्नति का भी निवास है।
~ रॉबिन शर्मा

Thursday, March 4, 2010

भाग्य



अगर आप अपना भाग्य नहीं बदल सकते तो अपनी मनोदृष्टि (एटीट्यूड) बदल लें!


Thursday, February 25, 2010

सुविधायें



सुविधायें मेहमान की तरह आती हैं। पसर जाती हैं लम्बे समय तक; और मेजबान बन जाती हैं।  अन्तत: वे आपको दास बना लेती हैं।


Sunday, February 21, 2010

कोशिश


नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है ।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है ।
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती ।
~ हिन्दीकुंज की पोस्ट से।


Saturday, February 20, 2010

तीन महापाप



क्षमा करें भगवान शिव मेरे तीन महापापों के लिये!
मैं काशी आया तीर्थ यात्रा पर, यह भूलते हुये कि आप सर्वत्र हैं।
आपके बारे में सोचते हुये यह भूल गया कि आप विचारों से परे हैं।
आपकी स्तुति करते समय यह भूल गया कि आप शब्दों के परे हैं।
~ आदिशंकर।



Thursday, February 18, 2010

पैसा


बिना उदार हृदय के, पैसा एक कुरूप भिखारी है!
~ रॉबिन शर्मा, ट्विटर पर।

Wednesday, February 10, 2010

पहला कदम



बहुधा पहला कदम ही सबसे कठिन होता है।
~ स्टीव जॉब्स

Sunday, February 7, 2010

डेस्क



व्यवसाय में सबसे अच्छा करने वाले अपनी डेस्क के पीछे नहीं छिपते। वे जानते हैं कि व्यवसाय का अर्थ लोगों से जुड़ना है।
~ रॉबिन शर्मा

Saturday, February 6, 2010

अकर्मण्यता




"वू वेइ यर ज़ी" - शासन करने के लिये कुछ मत करो!
~ हांग जिंग डी, चीनी सम्राट, १५७-१४१ बी.सी.
(The 7 day weekend के तीसरे भाग Management by (O)mission के लिये रिकॉर्दो सेमलर का प्रारम्भिक कथ्य। रिकॉर्दो सेमलर मेवरिक हैं। उनके अनुसार सारे नियन्त्रण हटा लेने चाहियें)


Monday, February 1, 2010

जल्दीबाजी



प्रकृति कभी जल्दीबाजी नहीं करती। फिर भी सारा काम पूरा कर लेती है।
~ लाओत्से।

Friday, January 15, 2010

खतरा



बिना खतरा उठाये आप सब कुछ खतरे में डाल देते हैं।
~ रॉबिन शर्मा, ट्विटर पर


Wednesday, January 6, 2010

प्रसन्नता



प्रसन्नता बाह्य परिस्थितियों पर निर्भर नहीं करती। यह मन की अवस्था पर निर्भर है!
~ एक डायरी में छपा पाया