Friday, March 26, 2010
जीवन की त्रासदी
मेरे जीवन की त्रासदी यह नहीं है कि मैं बेइमान या कुटिल हूं। मेरी त्रासदी यह भी नहीं है कि मैं जानबूझ कर आसुरी सम्पद अपने में विकसित करना चाहता हूं। मेरी त्रासदी यह है कि मैं सही आचार-विचार-व्यवहार जानता हूं, पर फिर भी वह सब नहीं करता जो करना चाहिये।
~ ज्ञानदत्त पाण्डेय, मानसिक हलचल पर।
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Posted by Gyan Dutt Pandey at 6:32 AM
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