Wednesday, December 31, 2008

भय और मूर्खता


flower trans
कौन ज्यादा मूर्ख है - अंधेरे से डरने वाला बच्चा या प्रकाश से डरने वाला वयस्क? 
--- मॉरिस फ्रीहिल, जी. विश्वनाथ जी द्वारा उद्धृत।

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Tuesday, December 30, 2008

सतत सेंसेक्स देखने की बीमारी


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रोज निफ्टी, सेनसेक्स देखना सेहत के लिए हानिकारक है।
---- आलोक पुराणिक

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Monday, December 29, 2008

रण


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याचना नहीं अब रण होगा।
जीवन जय, या कि मरण होगा॥
--- दिनकर
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कभी शांति का समय होता है और कभी लड़ाई का। यह लड़ाई का समय है।
----- एहूद बराक, इज्राइली रक्षा मंत्री, गजा पट्टी पर हमास के अड्डों पर हमला करते समय।


ज्ञानदत्त पाण्डेय

Saturday, December 27, 2008

भय


flower trans
पुराने पड़ गए डर, फेंक दो तुम भी
ये कचरा आज बाहर फेंक दो तुम भी ।
---- दुष्यंत की गज़ल का अंश, आभा जी के ब्लॉग से।


ज्ञानदत्त पाण्डेय

Wednesday, December 24, 2008

कल्पनाशीलता


flower trans
कल्पनाशीलता ज्ञान से अधिक महत्वपूर्ण है।




ज्ञानदत्त पाण्डेय

Tuesday, December 23, 2008

विनाश के कारक


flower trans
ये चीजें हमें अन्तत: विनाश की ओर ले जायेंगी -
बिना सिद्धान्तों के राजनीति
बिना विवेक के भौतिक सुख
बिना काम के धन
बिना चरित्र के ज्ञान
बिना नैतिकता के व्यापार
बिना मानवता के विज्ञान
बिना त्याग के पूजा।
--- महात्मा गांधी।
 

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Sunday, December 21, 2008

व्यक्तियों का सम्मान


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व्यक्तियों का सम्मान उनकी विद्वता, बुद्धिमत्ता, शूरवीरता, कुलीन जन्म और सत्कर्मों के आधार पर होना चाहिये।
--- कौटिल्य।

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Saturday, December 20, 2008

बेवकूफ और बिजनेस


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एक ऐसा बिजनेस चुनें जो कोई बेवकूफ भी चला सके --- क्यों कि आज नहीं तो कल सम्भवतया कोई बेवकूफ ही उसे चलाने वाला है।
---- पीटर लिंच। योगेश छाबरीया द्वारा उधृत। 

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Friday, December 19, 2008

वारेन बफेट


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अरबपति होने के बावजूद वारेन बफेट अपनी कार खुद चलाते हैं। उनके पास सुन्दर लग्जरी कार भी नहीं है। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश हिस्सा आपने उसी मकान में उसी महानगर में बिताया है। वे अब भी मुस्कुराते हैं और बिल्कुल सामान्य ऑफिस युक्त एक सरल इंसान हैं। 
---योगेश छाबड़िया, हैप्योनैर निवेशक। 

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Wednesday, December 17, 2008

गरीबी-अमीरी


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ग़रीबों के ढेरों बच्चे होते हैं और अमीरों के ढेरों रिश्तेदार। 
– एनॉन
ज्ञानदत्त पाण्डेय

Saturday, December 13, 2008

प्रशंसा


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परसंसा (प्रशंसा) हतभागीनी, दर-दर भटकन जाय ।
ज्ञानी जन नहीं रोचते, मूरख इस नहीं भाय ।।
---- श्री विष्णु बैरागी के ब्लॉग से।

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Friday, December 12, 2008

सफलता


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मैं सफलता के लिए इंतजार नहीं कर सकता था अतएव मैं उसके बगैर ही आगे बढ़ चला. –
---- जोनाथन विंटर्स 
(रवि रतलामी का दिया कोटेशन)
ज्ञानदत्त पाण्डेय

Wednesday, December 10, 2008

संवेदना जताने वाले


flower trans 
जब आप कठिनाई में होते हैं तो जो लोग आपसे अपनी संवेदना दर्शाने संपर्क करते हैं वे
दरअसल उत्सुक होते हैं विवरण जानने को|
------एडगर वाट्सन होव
ज्ञानदत्त पाण्डेय

Tuesday, December 9, 2008

पद की महिमा


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अब चूंकि मैं राष्ट्रपति नहीं हूँ, तो मैंने यह पाया है कि मैं अब गोल्फ का हर मैच जीत
नहीं पाता हूं.
----- जॉर्ज बुश सीनियर

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Sunday, December 7, 2008

फेमिली, फ्रेण्ड्स और फेथ


flower trans
दिन के अंत में, यह मत भूलो कि तुम एक व्यक्ति हो, मां हो, पत्नी हो, बेटी हो। दिन का काम खत्म होते पर फेमिली, फ्रेण्ड्स और फेथ (परिवार, मित्र और धर्म) ही बचता है।
---- इन्द्रा नूई, बीबीसी से इण्टरव्यू में।
ज्ञानदत्त पाण्डेय

Wednesday, December 3, 2008

कालदण्ड


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कालदण्ड किसी को मारता नहीं, वह मात्र ज्ञान, बल, बुद्धि और विचार हर लेता है।
----- तुलसीदास।
ज्ञानदत्त पाण्डेय

Monday, December 1, 2008

कठिन समय


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कठिन समय में दो हाथ आपकी सहायता को सदा तत्पर होंगे। और ये आपके अपने हाथ हैं।
---- केनेडी। इस ब्लॉग पर
ज्ञानदत्त पाण्डेय

Thursday, November 20, 2008

व्यक्तित्व और चरित्र


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व्यक्तित्व पर चरित्र से पहले ध्यान केन्द्रित करना, बिना जड़ों के पेड़ लगाने की सोचने जैसा है। 
--- स्टीफन कोवी। 

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Monday, November 17, 2008

तारे तोड़ कर लाने वाला आदमी


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वह आदमी जो एक स्त्री के लिये सब कुछ त्याग करने को तैयार है, जो उसके लिये तारे तोड़ कर ला सकता है, वह एक कमजोर आदमी है। वह उस स्त्री को किसी दूसरी के लिये कभी न कभी छोड़ देगा। यह केवल समय और अवसर पर निर्भर करेगा! 
--- इण्टरनेट से।

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Friday, November 14, 2008

जीवन के दूसरे भाग का प्रबन्धन


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जीवन के दूसरे भाग के प्रबन्धन के लिये जरूरी है कि आप दूसरे भाग में प्रवेश से बहुत पहले वह प्रबन्धन करने लगें|
--- पीटर ड्रकर।

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Tuesday, November 11, 2008

खर्च और कमाई


flower trans 
उँगलियाँ यूँ न सब पर उठाया करो
खर्च करने से पहले कमाया करो।
--- फुरसतिया ब्लॉग से।

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Monday, November 10, 2008

भारत की राष्ट्रीय धारणा


flower trans
क्या आधुनिक अर्थ में भारत के पास राष्ट्रीय धारणा रही है?
"राष्ट्रीय धारणा" भारत के पास कभी नहीं रही। उससे मेरा मतलब राष्ट्र की राजनैतिक धारणा से है। यह आधुनिक उपज है। पर भारत में हमारे पास राष्ट्र की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धारणा अवश्य रही।...
--- श्री अरविन्द, जून २९, १९२६।
ज्ञानदत्त पाण्डेय

Saturday, November 8, 2008

परिवर्तन और यथास्थिति


flower trans
सिर्फ इस लिये कि हर चीज अलग लगती है, यह मत मान लीजिये कि कुछ बदल गया है! 
--- इरेने पीटर
ज्ञानदत्त पाण्डेय

Friday, November 7, 2008

जिन्दगी का संतुलन


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जिन्दगी साइकल चलाने की तरह है। आपको अपना संतुलन बनाये रखने के लिये सतत चलते रहना पड़ता है।
--- अलबर्ट आइंस्टीन।

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Wednesday, November 5, 2008

भय का सर्वथा अभाव


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"भय का सर्वथा अभाव" वीर की प्रथम और सबसे महत्वपूर्ण नैतिक उच्चता है। और वह सभी उदात्त गुणों का मूल है।
--- गुरू माधव सदाशिवराव गोलवलकर
ज्ञानदत्त पाण्डेय


Tuesday, November 4, 2008

शिखर पर


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जब आप शिखर पर पंहुच जायें तो सावधान हो जायें। वहां से फिर नीचे ही जाना होता है।
ज्ञानदत्त पाण्डेय

Monday, November 3, 2008

हंसी और निर्मलता


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जितनी देर आदमी हंसता है उतनी देर उसके मन में मैल नहीं रहता। उतनी देर उसका कोई शत्रु नहीं रहता। ईर्ष्या ,द्वेष, घृणा के भाव नहीं रहते।
--- जोनाथन स्विफ्ट
ज्ञानदत्त पाण्डेय

Sunday, November 2, 2008

हंसी


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अगर तानाशाह हिटलर और मुसोलिनी को हंसी के इंजेक्शन दिये जायें तो वे हंसने लगेगें। उनकी क्रूरता ,कठोरता जाती रहेगी। वे मानवीय और लोकतांत्रिक हो जायेंगे।
--- हजारीप्रसाद द्विवेदी।
ज्ञानदत्त पाण्डेय

Saturday, November 1, 2008

दास कैपीटल और अन्त समय


ज्ञानदत्त पाण्डेय

सोचना और बोलना


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मरा नहीं हूँ इसलिए सोचता हूँ। ज़िन्दा हूँ इसलिए बोलता हू। न सोचने न बोलने से आदमी मर जाता है। जो सोचा/जाना/समझा उसे आप के साथ बाँट सकूँ यही अभीष्ट है।
--- सुमन्त मिश्र "कात्यायन" के प्रोफाइल से।

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Friday, October 31, 2008

अनिद्रा से ग्रस्त व्यक्ति


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राजन, जिसने किसी समर्थ और ताकतवर से दुश्मनी मोल ले ली है, जिसके पास संसाधन नहीं हैं, जिसका धन चोरी चला गया है, जो वासना में लिप्त है या जो चोर है; वह अनिद्रा से ग्रस्त होगा।
--- महाभारत, उद्योग पर्व, ३३.१३।

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Tuesday, October 28, 2008

संघर्षों के पथ के राही


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जो बीच भंवर में इठलाया करते हैं वो बांधा करते तट पर नाव नहीं,
संघर्षों के पथ के राही सुख का जिनके घर रहा पड़ाव नहीं,
जो सुमन बीहड़ों में ,वन में, खिलते हैं वो माली के मोहताज नहीं होते
जो दीप उम्र भर जलते हैं वो दीवाली के मोहताज नहीं होते॥
---- चिठ्ठाचर्चा मेँ अनूप शुक्ल द्वारा उधृत। 
ज्ञानदत्त पाण्डेय

Monday, October 27, 2008

तीन तय चीजें


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इस विश्व में तीन चीजें तय हैं - मृत्यु, टेक्स और अगर आपका ब्लॉग सफल हो गया तो लोगों की ईर्ष्या! 
--- ब्लॉगजगत से उठाया एक विचार। 

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Tuesday, October 21, 2008


flower trans
मेरे पास जूते नहीं थे, और मुझे उसकी बड़ी शिकायत थी। फिर मैने ऐसे आदमी को देखा, जिसके पैर नहीं थे। और मेरी शिकायत जाती रही। 
--- जी. विश्वनाथ, उद्धरण एक टिप्पणी में।

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Monday, October 20, 2008

मुफ्त सलाह


flower trans
कभी कभी मुफ्त सलाह की अहमियत उतनी ही होती है, जितना उसका दाम - आर्थात कुछ नहीं!
--- अंग्रेजी का एक उद्धरण, श्री गोपालकृष्ण विश्वनाथ की टिप्पणी से।
ज्ञानदत्त पाण्डेय

Sunday, October 19, 2008

सोच से मनुष्य का निर्माण


flower trans 
यह आपका तरीका है कि आप कैसा महसूस करतें हैं - आप मसीह की तरह महसूस करें तो आप मसीह जैसा बनेंगें; आप बुद्ध की तरह महसूस करें तो आप बुद्ध जैसा बनेंगें|
--- स्वामी विवेकानन्द, श्री विवेक गुप्त के ब्लॉग पर अनुवाद।

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Saturday, October 18, 2008

आजादी


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आजादी बहुत बड़ा और विलक्षण औजार है। पर इसका प्रयोग करने के पहले हमें तथ्यों का सत्यापन अवश्य कर लेना चाहिये।
--- एक ई-मेल में व्यक्त विचार। 

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Monday, October 13, 2008

वारेन बफेट उवाच


flower trans
मुझे नहीं मालूम कि स्टॉक मार्केट कल या छ महीने में कहां जाने वाला है। पर मुझे यह मालूम है कि अमरीकी अर्थव्यवस्था, पर्याप्त समय में अच्छा करेगी और जिसके पास भी उसका अंश है, वह खुशहाल रहेगा।
--- वारेन बफेट, पिछले सप्ताह सी.एन.बी.सी. पर।
ज्ञानदत्त पाण्डेय

Saturday, October 11, 2008

जनक


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जो जनक को देख सकता है, उसे ही जनक का ज्ञान मिल सकता है, और एक बार जनक मिल गए तो फ़िर अष्टावक्र तो मिल ही जायेंगे !
--- ताऊ रामपुरिया का कमेण्ट।

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Wednesday, October 8, 2008

आराम


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मैं इतना काम करता हूं; अगर मुझे आराम न मिले तो मैं पागल हो जाऊं।
श्री लालू यादव; रिडिफ पर।
ज्ञानदत्त पाण्डेय

Monday, October 6, 2008

अहिंसा


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हम सतत हिंसा के क्षेत्र में नई खोजों से चमत्कृत हो रहे हैं। पर मैं यह पक्का मानता हूं कि भविष्य में कल्पनातीत और असंभव लगने वाली खोजें अहिंसा के क्षेत्र में होंगी।
--- मोहनदास गांधी, "हरिजन" में।
ज्ञानदत्त पाण्डेय

Sunday, October 5, 2008

कॉकटेल पार्टी






flower trans
वास्तव में, महत्वपूर्ण बातें कॉकटेल पार्टियों में कही जाती हैं। उनपर कभी अमल नहीं होता।
--- पीटर एफ ड्रकर

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Saturday, October 4, 2008

कुशल कार्य पर मनन




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कुशल कार्य पर चुपचाप मनन करें। इस चुपचाप मनन से और भी कुशल कार्य जन्म लेगा।
--- पीटर एफ ड्रकर

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Friday, October 3, 2008

स्वत: होने वाले काम




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किसी भी संस्था में स्वत: होने वाले काम से अव्यवस्था, घर्षण और त्रुटियां ही जन्म लेती हैं। 
--- पीटर एफ ड्रकर

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Thursday, October 2, 2008

आवश्यकतायें सीमित करना




flower trans
जब हम अपनी आवश्यकतायें सीमित करते हैं, तब हम प्रकृति पर से बोझ कम करते हैं और जरूरतमन्दों की सहायता भी करते हैं।
--- रीडर्स डाइजेस्ट में गांधीजी के जन्मदिन पर।

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Wednesday, October 1, 2008

"न" कहने की क्षमता




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आपको  बस उस काम के लिये "न" कहना सीखना चाहिये जिसकी उत्पादकता शून्य है।
--- पीटर एफ ड्रकर

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Tuesday, September 30, 2008

चिन्ता





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आप क्या खाते हैं, उससे आपको आमाशय का अल्सर नहीं होता। अल्सर तो आपको उस चीज से होता है जो आपको खाये जा रही है।
--- डा. जोसेफ एफ. मोण्टेग्यू

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Monday, September 29, 2008

संप्रेषण




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सम्प्रेषण का मुख्य अंग वह सुनना है, जो कहा नहीं जा रहा।
--- पीटर एफ ड्रकर 

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Sunday, September 28, 2008

साधारण नेतृत्व





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कोई भी संस्थान जीवित नहीं रह सकता, अगर उसके प्रबन्धन के लिये जीनियस या सूपरमैन की जरूरत हो। उसका संगठन इस प्रकार से होना चाहिये कि साधारण और सामान्य बुद्धि का मनुष्य भी उसका प्रबन्धन कर सके।
--- पीटर एफ ड्रकर 

ज्ञानदत्त पाण्डेय

Saturday, September 27, 2008

नश्वरता




flower trans
विचार लो कि मर्त्य हो, न मृत्यु से डरो कभी।
मरो परंतु यों मरो, कि याद जो करें सभी॥ 
--- दद्दा, मैथिलीशरण गुप्त।

ज्ञानदत्त पाण्डेय