Friday, April 23, 2010

महानता का माप


महानता के प्रकार को दो तरह से मापा जा सकता है। सबसे लोकप्रिय तरीका है व्यक्ति के सफल होने की सम्भावना आंकने में - तब जब बाकी सब असफल हो रहे हों। पर उससे कमतर नहीं है, और शायद सभी महानताओं का मूल उसमें है, कि असफलता के बावजूद पुन: प्रारम्भ करना, जब सफलता दूर दूर तक नजर न आ रही हो!
~ गाइ फिन्ले; जैसा टिप्पणी में निशान्त मिश्र ने उधृत किया।

Tuesday, April 20, 2010

महानता


महानता से भय न खाओ। कुछ जन्म से महान होते हैं, कुछ महानता अर्जित करते हैं, और कुछ पर महानता थोप दी जाती है!
~ विलियम शेक्सपीयर

Monday, April 19, 2010

गढ्ढे का नियम


जब आप गढ्ढे में हों तो भगवान के लिये खोदना बन्द कर दें!
~ थॉमर्स फ्रीडमेन के ब्लॉग पर एक उक्ति

Friday, April 16, 2010

चुनौती


मेरी तीन चुनौतियां हैं। सबसे आसान चुनौती है ब्रिटिश साम्राज्य। इस पर सबसे आसानी से प्रभाव डाला जा सकता है। दूसरी चुनौती है भारतीय जनता। इस से बात मनवाना कठिन है।  लेकिन मेरी सबसे बड़ी चुनौती है मोहनदास गांधी नाम का आदमी। इस पर तो मेरा जोर ही नहीं चलता प्रतीत होता।
~ मोहनदास कर्मचन्द गांधी

Sunday, April 11, 2010

शुभ कर्म


"जब कभी तुम कोई शुभ कर्म करो तब यह मत सोचो कि ‘इतने छोटे कर्म से मुझे कुछ प्राप्त नहीं होगा’. जिस प्रकार बारिश का पानी बूँद-बूँद गिरकर पात्र को पूरा भर देता है उसी प्रकार सज्जन व्यक्तियों के छोटे-छोटे शुभकर्म भी धीरे-धीरे संचित होकर विशाल संग्रह का रूप ले लेते हैं”.
– धम्मपद १२२

~ निशान्त मिश्र के ब्लॉग से

Monday, April 5, 2010

महाविपत्ति


मैने प्रत्येक महाविपत्ति को सुअवसर बनाने का यत्न किया है।
~ जॉन डी रॉकफेलर