Tuesday, October 21, 2008


flower trans
मेरे पास जूते नहीं थे, और मुझे उसकी बड़ी शिकायत थी। फिर मैने ऐसे आदमी को देखा, जिसके पैर नहीं थे। और मेरी शिकायत जाती रही। 
--- जी. विश्वनाथ, उद्धरण एक टिप्पणी में।

ज्ञानदत्त पाण्डेय

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