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क्या आधुनिक अर्थ में भारत के पास राष्ट्रीय धारणा रही है?"राष्ट्रीय धारणा" भारत के पास कभी नहीं रही। उससे मेरा मतलब राष्ट्र की राजनैतिक धारणा से है। यह आधुनिक उपज है। पर भारत में हमारे पास राष्ट्र की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धारणा अवश्य रही।...--- श्री अरविन्द, जून २९, १९२६।ज्ञानदत्त पाण्डेय
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