Monday, November 3, 2008

हंसी और निर्मलता


flower trans
जितनी देर आदमी हंसता है उतनी देर उसके मन में मैल नहीं रहता। उतनी देर उसका कोई शत्रु नहीं रहता। ईर्ष्या ,द्वेष, घृणा के भाव नहीं रहते।
--- जोनाथन स्विफ्ट
ज्ञानदत्त पाण्डेय

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