Saturday, September 27, 2008

नश्वरता




flower trans
विचार लो कि मर्त्य हो, न मृत्यु से डरो कभी।
मरो परंतु यों मरो, कि याद जो करें सभी॥ 
--- दद्दा, मैथिलीशरण गुप्त।

ज्ञानदत्त पाण्डेय

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