Wednesday, August 18, 2010

सत्य



सत्य वह मुद्रा है, जिसे आप किसी भी लोक में भंजा सकते हैं।

2 comments:

वाणी गीत said...

मगर पूरी तरह सत्यवादी होना संभव नहीं ...व्यावहारिक भी नहीं ...!

अजित गुप्ता का कोना said...

सत्‍य शाश्‍वत है, यह एक सत्‍य है।