Sunday, December 12, 2010

नेतृत्व का अंग


नेतृत्व चुम्बकीय व्यक्तित्व नहीं है - वह तो चिकनी-चुपड़ी जुबान भी हो सकती है। वह "दोस्त बनाना और प्रभावित करना" भी नहीं है - वह चापलूसी भी हो सकती है। नेतृत्व तो एक व्यक्ति की दूरदृष्टि को बहुत ऊंचा उठाने, कार्यक्षमता में अभूतपूर्व बढ़ोतरी करने और सामान्य सीमाओं के कहीं परे व्यक्तित्व को ले जाने वाला होता है।
~ पीटर ड्रकर

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