Friday, May 7, 2010

लोगों को सुनना


मल्टीनेशनल कम्पनियां और भारत के ग्रामीण परिदृष्य पर व्हार्टन नॉलेज के लेख में है कि असली चीज है लोगों को सुनना। पर कितने लोग हैं जो दूसरों की सुनते हैं? सब को कहते ही तो देखा है!
~ लेख पढ़ते मेरी प्रतिक्रिया

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