प्रभावित होना और प्रभावित करना जीवंतता का लक्षण है।
कुछ लोग हैं, जो प्रभावित होने को दुर्बलता मानते हैं। मैं ऐसा नहीं मानता।
जो महत् से, साधारण में छिपे असाधारण से प्रभावित नहीं होते,
मैं उन्हें जड़ मानता हूँ।
जब दो वस्तुयें एक दूसरे के निकट आती हैं तो जिस वस्तु के पीछे प्रकाश की अधिकता होगी ,उसकी छाया दूसरी वस्तु पर अवश्य पडेगी ही । इसी प्रकार जब दो व्यक्तित्व सम्पर्क में आते हैं ,एक दूसरे के आत्मा के प्रकाश से प्रभावित अवश्य होंगे ही । जिस की ज्ञान औरा अधिक होगी ,उससे दूसरा प्रभावित होगा । यह एक प्रक्रितिक प्रक्रिया है ।
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जब दो वस्तुयें एक दूसरे के निकट आती हैं तो जिस वस्तु के पीछे प्रकाश की अधिकता होगी ,उसकी छाया दूसरी वस्तु पर अवश्य पडेगी ही । इसी प्रकार जब दो व्यक्तित्व सम्पर्क में आते हैं ,एक दूसरे के आत्मा के प्रकाश से प्रभावित अवश्य होंगे ही । जिस की ज्ञान औरा अधिक होगी ,उससे दूसरा प्रभावित होगा । यह एक प्रक्रितिक प्रक्रिया है ।
Bhai wah bada achcha sankalan hai.
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