Tuesday, July 1, 2008

साख की शक्ति




flower trans
अपनी साख को आप शक्ति का स्तम्भ मान कर चलें। साख से ही आप औरों को भयभीत कर जीत सकते हैं। और एक बार आपकी साख में छेद हो जाये तो आप असुरक्षित हो जायेंगे; आप पर हर तरफ से वार होंगे। 
इसी प्रकार अपने वैरियों की साख में उपलब्ध छिद्रों का प्रकटन करना सीखें। उसके बाद तो जनता की सोच ही उनको टांग देगी फांसी पर।
--- रॉबर्ट ग्रीन।

ज्ञानदत्त पाण्डेय

1 comments:

E-Guru Maya said...

अपनी साख को बनाए रखन्र के साथ - साथ उसे निरंतर और ऊपर उठाते रहना चाहिए.