Wednesday, July 30, 2008

बिलगेस्ट्स उवाच -२




 flower trans 
टेलीविजन वास्तविक जीवन नहीं है। वास्तविक जीवन में लोगों को काफी शॉप छोड़कर काम करने जाना होता है।

ज्ञानदत्त पाण्डेय

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