Monday, July 28, 2008

अपने पर मास्टरी




flower trans
बहुत से लोगों में सफलता की चाह होती है। उनमें किसी काम के प्रति विशेष दक्षता भी हो सकती है। तब भी वे प्रगति नहीं कर पाते। क्यों? शायद वे सोचते हैं कि वे अपने काम पर मास्टरी पा सकते हैं, इस लिये अपने आप पर मास्टरी की कोई जरूरत नहीं! 
--- जॉन स्टीवेंसन।

ज्ञानदत्त पाण्डेय

1 comments:

डा. अमर कुमार said...

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फिर.. ' मैं कर सकता हूँ ', जैसे आत्मविश्वास का क्या होगा ?
मनुष्य तो सदैव अपनी क्षमताओं के प्रति आशंकित रहेगा ।
निवारण करें, गुरुवर !