Thursday, August 7, 2008

मनन




flower trans
मृत्युशैया पर हमारे जीवन की सबसे बड़ी हताशा यह होती है कि हमने अपने जीवन पर पर्याप्त मनन नहीं किया।
--- रॉबिन शर्मा।
ज्ञानदत्त पाण्डेय

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