Wednesday, April 1, 2009

अंतर्मन


flower trans
"तू जिसे बाहर है ढूंढता फिरता
वो ही हीरा तेरी खदान में है"
--- नीरज गोस्वामी, टिप्पणी में।



1 comments:

मोहन वशिष्‍ठ said...

"तू जिसे बाहर है ढूंढता फिरता
वो ही हीरा तेरी खदान में है"

वाकई गौर करने लायक बात हे जनाब