Thursday, January 15, 2009

घोर कर्म


जनार्दन, आप ज्ञान को कर्म से उत्तम मानते हैं। तब मुझे इस घोर कर्म (युद्ध) में क्यों प्रवृत्त कर रहे हैं?
--- अर्जुन, भग्वद्गीता के तीसरे अध्याय में।

1 comments:

विवेक सिंह said...

इसका भगवान ने जो उत्तर दिया , वह भी साथ होता तो अच्छा होता ! आभार!