सारा सार्थक परिवर्तन पहले कल्पना में होता है। फिर वह मूर्त रूप ग्रहण करता है। कल्पनाशीलता ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
Saturday, January 10, 2009
सार्थक परिवर्तन
सारा सार्थक परिवर्तन पहले कल्पना में होता है। फिर वह मूर्त रूप ग्रहण करता है। कल्पनाशीलता ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
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Posted by Gyan Dutt Pandey at 9:18 PM
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