मन में बहुत कुछ चलता है। मन है तो मैं हूं|
मानसिक हलचल पर यह प्रारम्भ से टांक रखा था द्वैत। सरासर गलत।
मैं था, जब मन नहीं था। मैं रहूंगा, जब मन नहीं होगा। चिदानन्द रूप!
~ मेरे सोचने का एक पड़ाव।
मानसिक हलचल पर यह प्रारम्भ से टांक रखा था द्वैत। सरासर गलत।
मैं था, जब मन नहीं था। मैं रहूंगा, जब मन नहीं होगा। चिदानन्द रूप!
~ मेरे सोचने का एक पड़ाव।
3 comments:
मन (मै) और ब्रहां सरासर सही ,कहा गलत हैं?
like a Bouncer from Lasith Malinga
मै हूं तभी तो मन है
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