Thursday, July 23, 2009

आलोचना की चिन्ता से बचाव



हम अपनी मूर्खताओं का हिसाब रखें। खुद अपनी आलोचना करें। चूंकि हम कभी आदर्श होने की आशा नहीं कर सकते, इस लिये हम अपनी निष्पक्ष, सहायक, रचनात्मक आलोचना का आग्रह करें।
~ आलोचना की चिंता से बचाव का तीसरा नियम; डेल कार्नेगी।

1 comments:

अखिलेश्‍वर पांडेय said...

सही कहा, सर जी
जिस व्‍यक्ति ने प्रशंसा करना तो सीखा है परंतु ईर्ष्‍या करना नहीं, वह अत्‍यंत भाग्‍यशाली है।