Sunday, November 7, 2010

विचार


लोग सोचते हैं कि (औद्योगिक) संस्थायें आंकड़ों, शक्तियों, क्षमता, चीजों या मानव संगम से बनती हैं। वे ये भूल जाते हैं कि संस्थायें विचारों से बनती हैं।
~ जेम्स चेम्पी, रीइंजीनियरिंग मैनेजमेण्ट में।

2 comments:

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...

सही है बिना विचार आये सब सून

दिनेशराय द्विवेदी said...

लेकिन विचार आसमान के शून्य से नहीं टपकते वे इन्ही चीजों आंकड़ों, शक्तियों, क्षमता, चीजों या मानव संगम को देख कर प्रतिक्रिया में उत्पन्न होते हैं।