क्षमा बड़न को चाहिए छोटन को उत्पात।कह रहीम प्रभु का गयो जो भृगु मारी लात॥
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क्षमा बड़न को चाहिए छोटन को उत्पात।
कह रहीम प्रभु का गयो जो भृगु मारी लात॥
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