Monday, July 13, 2009

जूते का दुख



मेरे पास जूते नहीं थे और इस बात को ले कर मैं तब तक दुखी रहा, जब तक मुझे सड़क पर वह आदमी न दिख गया जिसके पैर ही नहीं थे!
~ हेरॉल्ड एबोट, जैसा डेल कार्नेगी ने लिखा।


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