अर्थर ऐश, लॉन टेनिस का महान खिलाड़ी एड्स से मर रहा था। उसे दुनियां भर से पत्र मिल रहे थे। एक प्रशंसक ने लिखा - भगवान को तुम्हें ही क्यों चुनना था इस गलत बीमारी के लिये?
अर्थर ने उत्तर दिया - दुनियां भर में ५ करोड़ बच्चे टेनिस सीखते हैं। पचास लाख सीख जाते हैं। पांच लाख उसमें से प्रोफेशन टेनिस खेलने वाले बनते हैं। पचास हजार सरक्यूट में आ जाते हैं। पांच सौ ग्रेण्डस्लेम में पंहुचते हैं। उसमें से ४ सेमीफाइनल में और दो फाइनल में।
जब मैं ग्रेण्डस्लेम जीत कर कप उठा रहा था, तब मैने यह भगवान से नहीं पूछा - मुझे ही क्यों भगवान? और आज जब मैं कष्ट में हूं तो मुझे नहीं पूछना चाहिये - मुझे ही क्यों भगवान?