Friday, November 7, 2008

जिन्दगी का संतुलन


flower trans
जिन्दगी साइकल चलाने की तरह है। आपको अपना संतुलन बनाये रखने के लिये सतत चलते रहना पड़ता है।
--- अलबर्ट आइंस्टीन।

ज्ञानदत्त पाण्डेय

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