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अपने को पुजवाने की इच्छा रखने वालों को दुनियां नहीं पूजती!--- श्रीयुत शिवपूजन सहाय।
ज्ञानदत्त पाण्डेय
टेलीविजन वास्तविक जीवन नहीं है। वास्तविक जीवन में लोगों को काफी शॉप छोड़कर काम करने जाना होता है।
ज्ञानदत्त पाण्डेय
जीवन सेमिस्टर में नहीं बँटा होता है। आपको यहाँ गर्मी की छुट्टियाँ भी नहीं मिलती हैं तथा कुछ ही नियोक्ता अपने आपको खोजने में मददगार साबित होते हैं इसलिए अपना आत्मविश्वास स्वयं हासिल करें।ज्ञानदत्त पाण्डेय

बहुत से लोगों में सफलता की चाह होती है। उनमें किसी काम के प्रति विशेष दक्षता भी हो सकती है। तब भी वे प्रगति नहीं कर पाते। क्यों? शायद वे सोचते हैं कि वे अपने काम पर मास्टरी पा सकते हैं, इस लिये अपने आप पर मास्टरी की कोई जरूरत नहीं! --- जॉन स्टीवेंसन।
ज्ञानदत्त पाण्डेय

कुछ लोग अपने बच्चों और भाइयों में विश्वास करते हैं। कुछ और नाते रिश्तेदारों में। कई अन्य राजा या कबीले के सरदार में विश्वास करते हैं जो उनकी इच्छायें पूरी कर सकें। पर मैं तो पूरा और अटूट विश्वास उस परम सत्ता में करता हूं, जो सर्वव्यापक है। वह सबमें है और मुझमें भी!--- गुरु रामदास।ज्ञानदत्त पाण्डेय

राह पकड़ तू एक चला-चलपा जायेगा मधुशाला।---- हरिवंश राय "बच्चन"ज्ञानदत्त पाण्डेय

मैं ९००० से अधिक शॉट चूक चुका हूं। मैं ३०० के लगभग गेम हार चुका हूं। मैं अपनी जिन्दगी में बार बार हार चुका हूं। यही कारण है कि मैं जीतता हूं।--- माइकल जोर्डन।ज्ञानदत्त पाण्डेय

चिड़िया इस लिये नहीं गाती कि उसे किसी सवाल का जवाब मिल गया है। वह इस लिये गाती है क्योंकि उसे गाना आता है।--- माया एंजेलोऊ, रीडर्स डाइजेस्ट में उद्धृत।ज्ञानदत्त पाण्डेय

हम पर्वतों को विजित नहीं करते, हम अपने आप को जीतते हैं।--- सर एडमण्ड हिलेरी।
ज्ञानदत्त पाण्डेय
प्रभावित होना और प्रभावित करना जीवंतता का लक्षण है।
कुछ लोग हैं, जो प्रभावित होने को दुर्बलता मानते हैं। मैं ऐसा नहीं मानता।
जो महत् से, साधारण में छिपे असाधारण से प्रभावित नहीं होते,
मैं उन्हें जड़ मानता हूँ।
--- मसि कागद में श्री चंद्र प्रकाश की पोस्ट में आचार्य विष्णुकान्त शास्त्री।
ज्ञानदत्त पाण्डेय

बेवकूफी का सदुपयोग करना सीखें। बुद्धिमान लोग कभी कभी यह तुरुप का पत्ता खेलते हैं। कुछ अवसर ऐसे आते हैं जब बुद्धिमत्ता इसमें होती है कि आप यूं दिखायें कि आप कुछ नहीं जानते। आप भोंदू न हों, पर आप में भोंदू का रोल प्ले करने की क्षमता होनी चाहिये। --- बाल्तसर ग्रेसियों (१६०१-१६५८)
ज्ञानदत्त पाण्डेय

जब दुलदुल पक्षी और समुद्री केंकड़े आपस में लड़ते हैं तो फायदा मछेरे को होता है!--- प्राचीन चीनी कहावत।
ज्ञानदत्त पाण्डेय

आप हारी हुई जमीन वापस जीत सकते हैं; पर गंवाया हुआ समय वापस नहीं ले सकते।--- नेपोलियन बोनापार्ट।
ज्ञानदत्त पाण्डेय
गम और खुशी का अनुभव ही जिंदगानी का सफर करवाता है। जब दोनों ही हाल में, दिल को सम्हालना आ जाए, तब तो क्या कहने !!--- लावण्या जी के ब्लॉग से।
ज्ञानदत्त पाण्डेय

मेरा धर्म मुझे यह सिखलाता है कि जब कभी टाला न जा सकने वाला दुख आन पड़े; तब हमें उपवास करना चाहिये और भगवान से प्रार्थना करनी चाहिये।---- महात्मा गांधी।ज्ञानदत्त पाण्डेय

"हर व्यक्ति को हर दूसरे से सहायता की दरकार होती है।"--- बर्तोल ब्रेख्त
ज्ञानदत्त पाण्डेय

श्रद्धा जब पैदा होती है, तब मार्ग की सभी बाधाओं को निर्मूल कर देती है। फलत: चित्त मुक्त, आनंदित और निर्मल हो जाता है। इस लिये "चित्त में आनन्द पैदा कर देना" - यही श्रद्धा की पहचान है। --- देवमित्र धर्मपाल, प्रसिद्ध बौद्ध भिक्षु।
ज्ञानदत्त पाण्डेय
जिंदगी एक प्रतिध्वनि है, जो हम औरों के लिये सोचते हैं
वही लौट कर हमारे पास आता है।--- स्वप्नरंजिता ब्लॉग पर आशा जोगलेकर।
ज्ञानदत्त पाण्डेय

चिकित्सक सबसे बड़ी गलती यह करते हैं कि वे मन के इलाज का प्रयास किये बिना ही शरीर की चिकित्सा का प्रयास करते हैं। मन तथा शरीर सहबद्ध हैं। उनका पृथक-पृथक उपचार नहीं किया जाना चाहिये। --- प्लेटो।ज्ञानदत्त पाण्डेय

मांगो, और तुम्हें दिया जायेगा। खोजो और तुम पाओगे। दरवाजा खटखटाओ और वह तुम्हारे लिये खुल जायेगा।--- बाइबल
ज्ञानदत्त पाण्डेय

अपने जन्म के पहले का मैं नहीं जानता। अपनी मृत्यु के बाद के बारे में भी मैं नहीं जानता। इन दोनो के बीच की अवस्था के बारे में अगर मैं कहूं कि "मैं सब कुछ जानता हूं"; तो यह कितनी हास्यास्पद बात है! --- कनकदास।ज्ञानदत्त पाण्डेय

सब बातें नापतोल कर करनी चाहियें। ... तोल कर बोलना ... तोल कर नींद लेना चाहिये। इन्द्रियों को सब चीजें देनी चाहियें, पर नाप-तोल के प्रमाण के साथ। ऐसा करते रहने से जीवन में प्रसन्नता रहेगी। ... यह अनुभवसिद्ध है।--- "भारतीय संस्कृति" में साने गुरूजी।
ज्ञानदत्त पाण्डेय
आंधियां जब दे रही हों दस्तकें
तब दिये की लौ बचाना सीखिए
ताक पर धर के उसूलों को कभी
नाम अपना मत कमाना सीखिए
---- नीरज जी के ब्लॉग पर एक गज़ल से।
ज्ञानदत्त पाण्डेय

जितनी चिंता करता जाता,उस अतीत की, उस सुख की।उतनी ही अनन्त में बनती जाती रेखायें दुख की।।
---- कामायनी में श्री जयशंकर प्रसाद
ज्ञानदत्त पाण्डेय
इसमें कुछ भी गलत नहीं कि आप अपने अतीत में तशरीफ ले जायें। बस, इतना ध्यान रखें कि वहां से सामान बांध कर साथ न लेते आयें! --- महेन के ब्लॉग में एक दृष्टांत।
ज्ञानदत्त पाण्डेय

स्थाई, संतृप्त और परिपूर्ण (राजनैतिक) सम्बन्ध केवल आपसी आदर, परस्पर विश्वास और कुछ महान लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्धता से ही बन सकते हैं।--- "माई कण्ट्री, माई लाइफ" में अडवानी और वाजपेई के चित्र के नीचे कैप्शन।
ज्ञानदत्त पाण्डेय

जीवन में हमें कई लोग मिलेंगे, जो महान हैं; और कुछ मिलेंगे जो अच्छे हैं। पर बहुत कम ही ऐसे मिलेंगे जो अच्छे और महान हैं! --- चार्ल्स सेलेब कॉटन, अठारहवीं सदी के अंग्रेज लेखक।
ज्ञानदत्त पाण्डेय

अपनी साख को आप शक्ति का स्तम्भ मान कर चलें। साख से ही आप औरों को भयभीत कर जीत सकते हैं। और एक बार आपकी साख में छेद हो जाये तो आप असुरक्षित हो जायेंगे; आप पर हर तरफ से वार होंगे। इसी प्रकार अपने वैरियों की साख में उपलब्ध छिद्रों का प्रकटन करना सीखें। उसके बाद तो जनता की सोच ही उनको टांग देगी फांसी पर।--- रॉबर्ट ग्रीन।
ज्ञानदत्त पाण्डेय