ओ ! जीवन के थके पखेरू, बढ़े चलो हिम्मत मत हारो,
पंखों में भविष्य बंदी है मत अतीत की ओर निहारो,
क्या चिंता धरती यदि छूटी उड़ने को आकाश बहुत है
जाने क्यों तुमसे मिलने की आशा कम, विश्वास बहुत है ।
असली यात्राओं की खोज इस पर निर्भर नहीं करती कि कौन से और कितने नये दृष्य हमने देखे। यह निर्भर करती है कि हमने नई आंखें पाई या नहीं! ~ मार्सेल प्राउस्ट।
अगर आप काम जैसे करते आये हैं, उसी तरीके से करते हैं, तो आपको वही परिणाम मिलेंगे, जैसे मिलते रहे हैं। परिणाम बदलने के लिये आपको काम अलग तरह से करना ही होगा।